यहा उमरा दआ की सची दी गई ह:
मसजिद अल-हरम का परवश दवार
मसजिद-अल-हरम छोडन पर
काबा का पहला दरशन
तलबिया/तलबिया
सई कहत हए पढन की दआ
हर बार जब आप एक दौर परा कर तो पा (पा रवाह)
जमजम पीन स पहल पढ
साफ करन क लिए आग बढ
उमरा नियाह/नियति
मकाम-ए-इबराहिम
अल-अल-असवद (इसतिलम) को चमना, छना या सलाम करना
उमरा क बाद सिर मडवाना/बाल काटना
काबा का पहला दरशन
तवाफ दौरान दआ (परारथना) की जा सकती ह सा सकती ह सिवाय इसक कि अर-रकनलयमानी (मनी कॉरनर) क बीच जात समय निमनलित पढना स ननत ह.